महासमुंद। किसान नेता तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में जिला कलेक्टर महासमुंद को आवेदन देने आए पीड़ित किसानों दुलेश्वर सिन्हा, दाऊलाल चन्द्राकर, फुलेश्वरी निषाद, गोवर्धन यादव, ओमकार यादव, डिगेश चन्द्राकर, हेमेंद्र साहू, शुभाष चक्रधारी, चंदर सिंह, जलसिंह चक्रधारी, घनाराम नायक ने महासमुंद जिला के ग्राम चरौदा निवासी खोजेन्द्र गिरी पिता अरिमर्दन गिरी गोस्वामी ब्याज का धंधा करता था जो किसानों को ब्याज में रूपये देकर उनकी जमीन की कागजात को अपने पास बंधक रखता था और किसानों को बंधक पत्र के नाम पर कुछ कागजात पर दस्तखत करवाता था । खोजेन्द्र गिरी द्वारा किसानों के बंधक रखे जमीन का फर्जी तरीके से बिक्री बैनामा बनाकर अपने नाम नामांतरण करवाने लगा जिसकी जानकारी बहुत बाद में किसानों को हुई क्योंकि आज तक किसान अपनी भूमि पर कास्तकारी करते फसल बोते आ रहे हैं । धान बेचने के लिए पंजीयन में जब किसानों का जमीन रकबा खसरा विलोपित हो गया तब किसानों का जमीन खोजेन्द्र गिरी के पुत्रों खोवेन्द्र उर्फ राजन गिरी , संजय गिरी, डिकेश गिरी के नाम पर सीधे नामांतरण किया जा रहा है जो कि फर्जी है । कुछ किसानों को खोजेन्द्र गिरी द्वारा कच्चे में रसीद दिया गया है तो कुछ किसानों को रसीद ही नहीं दिया गया है । किसानों के मय ब्याज सहित पूर्ण राशि जमा करने के बावजूद खोजेन्द्र गिरी ने किसानों को उनके बंधक रखे जमीन के कागजात को वापस नहीं किया है ।
पीड़ित किसानों ने अनुरोध किया है कि खोजेन्द्र गिरी पिता अरिमर्दन गिरी गोस्वामी के नाम हुए समस्त किसानों का बिक्री बैनामा को निरस्त किया जाये तथा खोजेन्द्र गिरी के वारिसों के नाम किये जा रहे नामांतरण को निरस्त कर मूल किसानों के नाम दर्ज करें।
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