दिलीप साहू
महासमुंद।आज विश्व पर्यावरण दिवस है। आज यह बताना जरूरी है कि वम विभाग लाखों पौधे लगा रहा है और रेत माफिया इसे रौंदने पल भर देर नहीं कर रहे। बरबसपुर में नर्सरी पर हरे भरे पौधे पर हजारों ट्रिप रेत डंप कर दिया गया है। पौधे माफिआयों के रेत डंप के कारण कुर्बान हो गए है।वन विभाग व ग्रामीणों ने पहले भी इसकी शिकायत कर की है लेकिन कार्यवाही अभी तक नहीं हुई।
सर्वाधिक रेत का डंप बरबसपुर में
शासन की गाइडलाइन के अनुसार आवंटित रेत खदानों में सीमा के अंतर्गत ही उत्खनन करना है। जबकि यहां पर सीमा नहीं बनाया गया है, सूचना पटल बोर्ड नहीं लगाया गया है। लायसेंस सीमा की चौहद्दी की मार्किंग नहीं की गई है , यहां सीमा के बाहर नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपये की रायल्टी का नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही नदी के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है।
रात के अंधेरे में उत्खनन,खनिज विभाग नही उठा रहा ठोस कदम
दरअसल मानसून से ठीक पहले निर्माण कार्यों में तेजी आने की वजह से रेत की मांग बढ़ गई है। रात में अवैध रूप से रेत उत्खनन किया जा रहा। उत्खनन कार्य को रोकने के लिए शासन द्वारा खनिज विभाग में अफसरों की भी तैनाती की गई है, लेकिन विडंबना है कि खनिज विभाग नियम विरुद्ध उत्खनन रोकने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
रेत डंप करने शासकीय भूमि को भी नहीं छोड़ा
बरबसपुर में शासकीय भूमि श्मशान घाट व नर्सरी में पूरी तरह रेत रखा हुआ है। श्मशान में अंतिम संस्कार करने के लिए भी जगह नहीं छोड़ा है। ग्रामीण रेत के पहाड़ में खड़ा होकर श्रध्दांजलि अर्पित करते है।
0 मवेशी मालिक व चारागाह परेशान
मवेशी चराने के लिए चारागाह को भी नहीं छोड़ा गया है। सभी जगह रेत का पहाड़ खड़ा है। युवाओं के लिए खेल मैदान व निस्तारी की समस्या बना हुआ है। घूमने फिरने के लिए व बच्चों के लिए खेल मैदान में अवैध रेत डंप होने से बच्चों को असुविधा से निराशा हो रही है। चारागाह पर भी अवैध रूप से रेत भंडारित है।
0 महानदी का बिगड़ रहा सौंदर्यीकरण
अंधाधुन खनन से नदी का सौंदर्यीकरण बिगड़ रहा है। जगह जगह गढ्ढे व पानी के साथ रेत का उत्खनन कर रहे है। मानक इकाई को नजर अंदाज कर नियम विरुध्द कहीं भी उत्खनन जारी रखे हुए है।
बरबसपुर के अवैध भंडारित रेत पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रक्रिया जारी है।
*योगेंद्र सिंह, जिला खनिज अधिकारी महासमुंद*

