महासमुंद.शिक्षा प्रदान करना पुण्य का काम है, शिक्षा से बच्चो का भविष्य संवरता है साथ ही समाज और देश को लाभ होता है, उक्त विचार ज्ञान ज्योति शिशु मंदिर, स्व. निलकंठ राव साकरकर तथा पदमावती टांकसाले इंग्लिश मीडियम स्कूल महासमुंद (छ.ग.) के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के असांदी से श्रीमती निलम रेवारम कोसरे (पूर्व सरपंच खैरा) ने व्यक्त किया। उन्होने कहा बच्चो को पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद सांस्कृतिक कार्यक्रमो में भी हिस्सा लेना चाहिए जिससे बच्चो की प्रतिभा में निखार आता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष ने कहा ज्ञान ज्योति शिशु मंदिर की स्थापना 05 अगस्त 1985 को की गई थी, संस्था उस समय कल्प पारा स्थित गायत्री मंदिर में प्रारंभ हुई थी। इसके पश्चात स्व. नीलकंठ राव साकरकर उच्च. माध्यमिक शाला (1989) पदमावती टांकसाले इंग्लिश मीडियम स्कूल (2016) में खोला गया तीनो संस्थाएँ नगर के प्रबुद्ध पालकगण तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। आज विद्यालय स्वयं के भवन पर संचालित है और यह सब आप सब के सहयोग से संभव है। समिति के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी है (जिन्होने 1905 में पहला बालिका विद्यालय की स्थापना कलकत्ता में इनके शिष्या बहन निवेदिता ने किया था)।
कार्यक्रम का प्रारंभ स्वामी विवेकानंद नीलकंठ राव साकरकर तथा पदमावती टांकसाले के छाया चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रजवलित कर किया गया। स्वागत गीत शिक्षिका पूजा सिन्हा एवं मनीषा ठाकुर ने प्रस्तुत किया व बच्चो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसे लोगों ने बहुत सराहा। कार्यक्रम का संचालन शिक्षकगण पूजा सिन्हा तथा अंजली सिन्हा ने किया तथा श्रीमती भारती साहू ने आभार व्यक्त किया। उक्त जानकारी माधवराव टांकसाले ने दिया।