भाजपा की सरकार और अधिकारियों को कोई छात्र पढ़ाई करे या न करे,शासन कोई फर्क नहीं पड़ने वाला: डॉ रश्मि

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महासमुंद कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि भाजपा की सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई छात्र पढ़ाई करे या न करे इससे शासन , और प्रशासनिक स्तर पर उच्च पदों पर बैठे हुए अधिकारियों को भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि सरकार को चिंता तो प्रदेश में शराब बिक्री कैसे बढ़ाएं जाए और प्रदेश में पढ़ने वाले बच्चों को मजदूरी करने विवश कर रही हैं। और शासन प्रशासन तो हर गांव में अवैध शराब बिक्री में मस्त हैं। कांग्रेस की भूपेश सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल कर शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा था लेकिन भाजपा की सरकार के रवैया को देखते हुए यहां पता चलता है कि छात्र-छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र ना बने और वह पढ़ाई को छोड़ मजदूरी करने का विवश हो जाए क्योंकि महात्मा के केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ युवाए पढ़े-लिख रोजगार मांगने वित्त मंत्री के पास ना पहुंच पाए इस कारण छात्र-छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र ही ना बन पाए और वह पढ़ाई को छोड़ मजदूरी करने विवश हो जाए। महासमुंद जिले के सभी ब्लॉकों में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए छात्र-छात्राएं और पालक भटकते हुए नजर आ रहे हैं अस्थाई बन जा रहा है तो स्थाई नहीं बन पा रहा है तो किसी का स्थाई जाति ही नहीं बन पा रहा है जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से पिथौरा के छात्रा पढ़ाई को छोड़ मजदूरी कर रही हैं । जाति प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनुसूचित जाति , जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को जारी किए जाने वाला महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र है। जाति प्रमाण पत्र स्कूल , कॉलेज में प्रवेश लेने, छात्रवृत्ति, आरक्षित वर्ग से चुनाव लड़ने साथ-साथ सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। इसके अलावा शासन के विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र जरूरी दस्तावेज के रूप में मंगा जाता है।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आम नागरिकों को जारी किए जाने वाले ज्यादातर सुविधाएं जैसे जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र,निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की गई है। जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिले के सभी अनुविभाग में अलग अलग नियम है कोई अनुविभागीय अधिकारी ग्राम सभा प्रस्ताव पंचायत ग्राम पंचायत रजिस्टर की छायाप्रति के साथ प्रारूप 1,2,3 मंगाया जाता है तो कोई अनुविभाग में केवल प्रारूप 1,2,3 और कार्यवाही बैठक की नकल मंगाया जाता है हर तहसील में यहां अलग-अलग नियम किसने बनाया यह भी समस्या पार है जिसके कारण भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है और बच्चे पढ़ाई को छोड़ मजदूरी करने को मजबूर हो रहे हैं।

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