महासमुंद। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने किसानों से पैरा दान करने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा पैरादान करने से गायों के लिए चारे की व्यवस्था करने में गौठान प्रबंधन समिति को आसानी होगी।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि सूखा चारा ही पशुओं का मुख्य भोजन होता है। चारे की तलाश में मवेशियों को भटकना न पड़े, इसलिए गौठानों में सूखा चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने किसानों को पैरादान के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खेत में पैरा को जलाने से धरती की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। किसानों से फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर खेतों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने की अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेषों को जलाना नहीं चाहिए। खेतों को जल्दी तैयार करने के लिए किसानों द्वारा अवशेषों को जला दिया जाता है। इससे नुकसानदायक गैस का उत्सर्जन होता है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि जनजीवन के साथ ही मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है। धान के अपशिष्ट से वर्मी कम्पोस्ट एवं खाद बना सकते है। इससे फसल का उत्पादन बढ़ेगा। उन्होंने किसानों से गौठान हेतु पैरा दान करने का आव्हान करते हुए कहा कि इसका बड़ा लाभ यह भी है कि इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और मवेशियों के लिए उचित मात्रा में चारे की व्यवस्था भी होगी। पराली को जला देना एक अनियंत्रित दहन प्रक्रिया है, जिसके कारण कई प्रकार के ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन, ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता का हनन, मानव व पशुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरा, कार्बन का नुकसान, भूमि की उर्वरा शक्ति का नाश, भूमिगत सूक्ष्म जीव एवं लाभप्रद जीवों की मृत्यु हो जाती है। भूमि की उपजाऊ क्षमता कम होने के कारण फसलों का उत्पादन भी कम हो जाता है।
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