महासमुंद।एक ऐसा चरित्र जिसमें हर पल सीखने और सिखाने की परम्परा समाहित होती है उसका नाम शिक्षक है, वह जहां भी कुछ पल ठहरता है वहीं का हो जाता है लेकिन जब वहां से जाने की बेला आती है तो दुःख होना स्वाभाविक है परन्तु शासन के आदेशों का पालन करना प्रमुख कर्तव्य होता है इसलिए शिक्षक जहां भी जाता है अपने ज्ञान के आलोक से शिक्षार्थियों के जीवन को आलोकित करता है | खट्टा में पदोन्नत प्रधानपाठकों के सम्मान और विदाई समारोह के दौरान अतिथियों द्वारा उक्त बातें कही गई |
उल्लेखनीय है कि संकुल स्रोत केन्द्र खट्टा में संकुल आश्रित 8 प्राथमिक शालाओं तथा अन्य संकुलों में जाने वाले 04 पदोन्नत प्रधानपाठकों के सम्मान एवं विदाई में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में लखनलाल साहू, मनीराम पटेल, गुलेश कुमार साहू, गेंदलाल पटेल, श्रीमती अनिता चंद्राकर, घनश्याम दीवान, रोहित कुमार ध्रुव, नोहर सिंह ध्रुव, कृष्णकुमार दीवान, श्रीमती दुलारी चंद्राकर, श्रीमती तुलसी देवांगन व हीराराम कोसरिया को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया तथा अन्य संकुल में जाने वाले 04 प्रधानपाठकों को शाल, श्रीफल व पेन-डायरी भेंट किया गया | कार्यक्रम को विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम.पी.साहू व संकुल प्राचार्य रामकुमार जोगी ने संबोधित किया, इस दौरान विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम.पी.साहू ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण करना प्रत्येक शिक्षक का कर्तव्य है साथ ही विभागीय योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन करना भी सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का दायित्व है | संकुल समन्वयक थानेश्वर प्रसाद मार्कंडेय द्वारा आभार व्यक्त किया गया तथा शिक्षक लीलाधर कर्ष द्वारा संचालन किया गया | प्रधानपाठक ओम नारायण शर्मा, शंकरलाल अग्रवाल, व्याख्याता लिकेश साहू व श्रीमती मीता चन्द्रा सहित सभी शालाओं के शिक्षक शामिल हुए |
इसके पूर्व शासकीय प्राथमिक शाला खट्टा में शिक्षक मनीराम पटेल व गुलेश साहू के पदोन्नत होकर अन्यत्र शाला में पदांकन से उनके विदाई समारोह का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के बच्चों द्वारा दोनों शिक्षकों को पेन-डायरी व शाल-श्रीफल भेंट किया गया |
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